10 सालों तक युवाओं को बर्बाद करने के जिम्मेदार हुड्डा: बराला
: हुड्डा भर्ती आज भी अदालतों में, युवाओं का भविष्य अंधकार में पहुंचाने के दोषी
: प्रापर्टी डीलिंग के सहारे अपनों को मजबूत किया हुड्डा ने
चंडीगढ़। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं टोहाना से विधायक सुभाष बराला ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने व्यवस्था को बंटाधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने हुड्डा से सवाल करते हुए कहा कि आखिर उन्होंने किस स्वार्थ की पूर्ति के लगातार दस साल युवाओं को बर्बाद करने के लिए भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बरती।
आज यहां बयान जारी करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि कांग्रेस के दस साल के शासन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने की बजाय अपने चहेतों को भर्ती करने के लिए योग्य युवाओं के भविष्य को ताक पर रखा। उन्होंने कहा कि हुड्डा शासन के दौरान की गई भर्तियां वर्तमान में भी अदालत में हैं और हजारों युवाओं का भविष्य अटका हुआ है। उन्होंने हुड्डा से सवाल करते हुए कहा कि कदम-कदम पर नियमों में बदलाव करके भर्ती प्रक्रिया बाधित करने की उन्हें जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने कहा कि लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए भ्रमित करके हुड्डा ने 'अपने चहेतों' को एडजस्ट करने के लिए अपने पद की गरिमा को धूमिल कर दिया।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि हुड्डा शासन में हुई भर्तियों से युवाओं को दोहरा नुक्सान उठाना पड़ा। पहले योग्य की जगह अयोग्य की भर्तियां की गई और उसके बाद जो लगे, उन्हें सत्ता जाते-जाते सड़कों पर आना पड़ा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का लक्ष्य केवल प्रापर्टी डीलिंग करने का था और उन्होंने अपने नजदीकी कार्यकर्ताओं को इस फिल्ड में हाथ आजमाने का अवसर दिया। प्रापर्टी डीलिंग के जरिए उन्होंने खुद को मजबूत किया। हुड्डा ने अनुबंध आधार पर नियुक्तियां करने में इतनी अनियमितता बरती कि अनुबंधित अध्यापकों सहित विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारी सड़कों पर उतर रहे हैं। उन्होंने हुड्डा से सवाल करते हुए पूछा कि वो सार्वजनिक मंच से बताएं कि उन्होंने अपने शासन के दौरान कितनी नौकरी दी? जो नौकरी दी, उनमें से आज कितने अपनी नौकरी पर हैं? क्या वजह रही कि उनकी दी गई नौकरी बार-बार अदालत में चैलेंज हो रही हैं?
बराला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शासन के संचालन से लेकर भर्ती में पारदर्शिता पर केंद्रित किया है। एचसीएस भर्ती हो या जेई सिविल की भर्ती, विपक्ष के लोग भी भर्ती में पारदर्शिता के उनके निर्णय की प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार युवाओं को पारदर्शिता से रोजगार अवसर देने के अपने वायदे पर अडिग है।
: हुड्डा भर्ती आज भी अदालतों में, युवाओं का भविष्य अंधकार में पहुंचाने के दोषी
: प्रापर्टी डीलिंग के सहारे अपनों को मजबूत किया हुड्डा ने
चंडीगढ़। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं टोहाना से विधायक सुभाष बराला ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने व्यवस्था को बंटाधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने हुड्डा से सवाल करते हुए कहा कि आखिर उन्होंने किस स्वार्थ की पूर्ति के लगातार दस साल युवाओं को बर्बाद करने के लिए भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बरती।
आज यहां बयान जारी करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि कांग्रेस के दस साल के शासन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने की बजाय अपने चहेतों को भर्ती करने के लिए योग्य युवाओं के भविष्य को ताक पर रखा। उन्होंने कहा कि हुड्डा शासन के दौरान की गई भर्तियां वर्तमान में भी अदालत में हैं और हजारों युवाओं का भविष्य अटका हुआ है। उन्होंने हुड्डा से सवाल करते हुए कहा कि कदम-कदम पर नियमों में बदलाव करके भर्ती प्रक्रिया बाधित करने की उन्हें जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने कहा कि लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए भ्रमित करके हुड्डा ने 'अपने चहेतों' को एडजस्ट करने के लिए अपने पद की गरिमा को धूमिल कर दिया।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि हुड्डा शासन में हुई भर्तियों से युवाओं को दोहरा नुक्सान उठाना पड़ा। पहले योग्य की जगह अयोग्य की भर्तियां की गई और उसके बाद जो लगे, उन्हें सत्ता जाते-जाते सड़कों पर आना पड़ा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का लक्ष्य केवल प्रापर्टी डीलिंग करने का था और उन्होंने अपने नजदीकी कार्यकर्ताओं को इस फिल्ड में हाथ आजमाने का अवसर दिया। प्रापर्टी डीलिंग के जरिए उन्होंने खुद को मजबूत किया। हुड्डा ने अनुबंध आधार पर नियुक्तियां करने में इतनी अनियमितता बरती कि अनुबंधित अध्यापकों सहित विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारी सड़कों पर उतर रहे हैं। उन्होंने हुड्डा से सवाल करते हुए पूछा कि वो सार्वजनिक मंच से बताएं कि उन्होंने अपने शासन के दौरान कितनी नौकरी दी? जो नौकरी दी, उनमें से आज कितने अपनी नौकरी पर हैं? क्या वजह रही कि उनकी दी गई नौकरी बार-बार अदालत में चैलेंज हो रही हैं?
बराला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शासन के संचालन से लेकर भर्ती में पारदर्शिता पर केंद्रित किया है। एचसीएस भर्ती हो या जेई सिविल की भर्ती, विपक्ष के लोग भी भर्ती में पारदर्शिता के उनके निर्णय की प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार युवाओं को पारदर्शिता से रोजगार अवसर देने के अपने वायदे पर अडिग है।
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